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कवितानज़्म
रिश्ता दोस्ती का किसी और रिश्ते से किसीसूरत कम नहीं होता पुराना दोस्ताना तादादे-दोस्त बढ जाने से कभी ख़त्म नहीं होता हालात-ए-मुश्क़िलात में हरमुमकिन काम आते हैं अहबाब पुराने मौसमी लिबास बदलने वाले रक़ीबों की दोस्ती में दम नहीं होता © "बशर" بشر