Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
ये ज़िन्दगी के रेले - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

ये ज़िन्दगी के रेले

  • 7
  • 1 Min Read

महफ़िल मज्मा हुजूम भीड़ और येह मेले
मेरा खुदा जानता हैके हैं तन्हा हम अकेल

हमको नहीं है मालूम "बशर" कि कहाँ पर
लेकर आ गए हैं हमको ये ज़िन्दगी के रेले
© 'bashar' بشر

1663935559293_1726912622.jpg
user-image
चालाकचतुर बावलागेला आदमी
1663984935016_1738474951.jpg
वक़्त बुरा लगना अब शुरू हो गया
1663935559293_1741149820.jpg
मुझ से मुझ तक का फासला ना मुझसे तय हुआ
20220906_194217_1731986379.jpg
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg