Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
चिंतन मनन वांछित से आधा हुआ है - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

चिंतन मनन वांछित से आधा हुआ है

  • 17
  • 1 Min Read

विमर्श के नाम पर नारी की इज्ज़त आबरू का
मान मर्दन चीर-हरण चरित्र-हनन ज़्यादा हुआ है,

नारी के तन मन की दयनीय दुर्दशा की चिंता पर
वास्तविक चिंतन मनन वांछित से आधा हुआ है!
@"बशर"

1626062576555_1726879813.jpg
user-image
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
तन्हाई
logo.jpeg