Or
Create Account l Forgot Password?
कवितानज़्म
दोस्ती की बात करते हो दुश्मनी निभाई नहीं जाती रिफाकतें अदावतें आजकल ढंगकी पाई नहीं जाती अपनी तो जमाने में न काहु से दोस्ती ना काहु से बैर क्या करें "बशर" अदाकारी हमसे दिखाई नहीं जाती @"बशर"