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कवितानज़्म
जाहिल की ज़िन्दगी में नफ़रतें इतनी हैं कि हसरतों के लिए वक़्त हीं नहीं मिलता, कामिल की ज़िन्दगी में हसरतें इतनी हैं कि नफ़रतों के लिए वक़्त ही नहीं मिलता! © dr. n. r. kaswan 'bashar' بشر