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कवितागजल
में एक फुल हूँ तुम मेरे सास में एक घर हूँ तुम मेरे पास यादो यादो भरी दिन थे वो आजकल तो दिन भी उदास मे मुकाम हासिल कर्ता हू रात और दिन मे चाहिए बास गाय दुध देता है हम पीते है गाय को खाने के लिए चाहिए घांस