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कवितानज़्म
बशर ने कहा बशर से कि बशर किधर गया चश्मे-तर हुई और अश्क जमीं पर गिर गया वजूद क्याहै हस्ती क्याहै ये मुअम्मा क्या है ख़्वाब था कि आंख खुलते ही बिखर गया © 'बशर' بشر.