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कवितानज़्म
कब्र के कंकाल से येह तो पता चल सकता है कि मरते वक़्त बूढे या जवां थे मर्द या मादा थे, मग़र बशर तुम्हारा येह पता नहीं चल सकता है कि मरते वक़्त हिंदु या मुस्लिम रंक या राजा थे! @"बशर"