Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
जायका चखने में कोई हर्ज नहीं है - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

जायका चखने में कोई हर्ज नहीं है

  • 29
  • 1 Min Read

लफ़्ज़ों की कड़वाहट से बढ़ कर कोई मर्ज़ नहीं है
बोलने से पहले जायका चखने में कोई हर्ज नहीं है
© 'बशर' بشر.

logo.jpeg
user-image
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
तन्हाई
logo.jpeg