Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
ढूंढते रह जाओगे - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

ढूंढते रह जाओगे

  • 34
  • 1 Min Read

अपनी इन निगाहों से तुम आज
इस तरह अनदेखा तो कर जाओगे!

मग़र "बशर" इन्हीं निगाहों तुम
इक दिन हम को ढूंढते रह जाओगे!

@"बशर"

1663935559293_1716399151.jpg
user-image
चालाकचतुर बावलागेला आदमी
1663984935016_1738474951.jpg
वक़्त बुरा लगना अब शुरू हो गया
1663935559293_1741149820.jpg
मुझ से मुझ तक का फासला ना मुझसे तय हुआ
20220906_194217_1731986379.jpg
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg