Or
Create Account l Forgot Password?
कवितानज़्म
ऐय वक़्त वोह दौर वो ज़माने ले आ मिलने हम से अहबाब पुराने ले आ बीता बचपन जिस कुचा ए बस्ती में गली-मुहल्ले वो ठौर-ठिकाने ले आ @"बशर"