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बचाने के प्रयत्न हज़ार करते हैं - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

बचाने के प्रयत्न हज़ार करते हैं

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  • 2 Min Read

उनके शब्द-बाणों के आगे क्या तीर - तलवार करते हैं
कि अपने लफ़्ज़ों की बौछार से वोह ऐसे वार करते हैं

मग़र ऐसा भी तो नहीं कि उन को फ़िक्र नहीं है हमारी
मर ही न जाएं हमें बचाने के भी प्रयत्न हज़ार करते हैं

@ "बशर"

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