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वह कुछ नहीं जानती - Bindesh kumar Jha (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

वह कुछ नहीं जानती

  • 20
  • 2 Min Read

वह कुछ नहीं जानती


वह पन्नों से जहाज बनाना जानती है,
लिखी हुई जहाज बनने की प्रक्रिया नहीं।
उसकी आँखों में दशकों का प्रेम है,
लेकिन आधुनिक युग की नजरिया नहीं।
वह काली स्याही पढ़ना जानती नहीं,
पढ़ने वाले को बनाना जानती वही।
वह जानती नहीं सैंडविच का आकार,
जानती है क्या होता है पौष्टिक आहार।
सोशल मीडिया से कोसों दूर है,
सामाजिक जीवन ही उसका दस्तूर है।

बिंदेश कुमार झा

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