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ना तो नाकाबिल औलाद हराम का खा खाकर शर्माती है! @"बशर" - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

ना तो नाकाबिल औलाद हराम का खा खाकर शर्माती है! @"बशर"

  • 13
  • 1 Min Read

औलाद किसी काबिल जाए तो घर छोड़ कर चली जाती है
औलाद नाकाबिल रह जाए तो वालिद का कमाया खाती है

ना तो दूर रहने का रंज-ओ-ग़म होता है काबिल औलाद को
ना तो नाकाबिल औलाद हराम का खा - खाकर शर्माती है!

@"बशर"

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