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नाकाम मोहब्बत 🥹 - Firoz Khan Madni (Sahitya Arpan)

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नाकाम मोहब्बत 🥹

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नाकाम मोहब्बत 🥹

हाय ! ये नाकाम मोहब्बत इंसान को शातिर न बना दे ।
छोड़ कर अपनों को तुम्हें कहीं, ये काफ़िर न बना दे ।
जो तुम थे हर रिश्ते को निभाने में अवल ?
कहीं तुम्हें ये सबसे आख़िर न बना दे 🥹


फिरोज़ खान मदनी

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