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तू नदिया की धार मैं किनारा सा रहता हूँ - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

तू नदिया की धार मैं किनारा सा रहता हूँ

  • 16
  • 1 Min Read

तेरेसंग चलकर भी तन्हाई का मारा सा रहता हूँ
तू बहती नदिया की धार मैं किनारा सा रहता हूँ!
© 'बशर' بشر.

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