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हमारे हुनर का ना कहीं पर नामोनिशान था - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

हमारे हुनर का ना कहीं पर नामोनिशान था

  • 37
  • 1 Min Read

इल्म-ओ-हुनर पर अपने हमें बड़ा गुमान था
टूटे दिलोंको जोड़ना हमारे लिए आसान था

जब अपना ही दिल टूटकर चकनाचूर हुआ
हमारे हुनर का ना कहीं पर नामोनिशान था

© 'बशर' بشر.

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