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अंजाम दोस्ती के फ़ना का न होता - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

अंजाम दोस्ती के फ़ना का न होता

  • 18
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सवाल ग़ुरूर का नहीं मस'अला अगर 'बशर' हमारी अना का न होता
सारा क़ुसूर उनके लहजे का था वर्ना अंजाम दोस्ती के फ़ना का न होता
@"बशर"

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