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बदले हुओं से मिलने को तैयार नहीं हैं हम - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

बदले हुओं से मिलने को तैयार नहीं हैं हम

  • 34
  • 1 Min Read

हम वही हैं हमारे मिज़ाज वही हैं बदलने वालों में शुमार नहीं हैं हम,
हां मग़र ये भी सच है के बदले हुओं से मिलने को तैयार नहीं हैं हम!
© 'बशर' بشر

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