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कवितानज़्म
आते वक़्त कुछ लाना पड़ता है ना जाते वक़्त कुछ ले जाना पड़ता है, आने - जाने के दरमियाँ कमबख़्त मग़र येह ज़ालिम ज़माना पड़ता है! जोर -ओ -जब्र तमाम जुल्म -ओ -सितम जमानेभर के सहने पड़ते हैं, जीने केलिए मरना पड़ता है मरने केलिए खूनपसीना बहाना पड़ता है! @"बशर"