Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
हर रहगुज़र-ए-सफ़र से गुज़र के देख लिया - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

हर रहगुज़र-ए-सफ़र से गुज़र के देख लिया

  • 32
  • 1 Min Read

जीना नहीं आसाँ यहाँ सब-कुछ करके देख लिया,
ऐ ज़ालिम जिंदगी तेरे लिए हमने मरके देख लिया!

सुकूँ से भरी राह-ए-सफ़र शायद मयस्सर ही नहीं,
हर रहगुज़र-ए-सफ़र से हमने गुज़र के देख लिया!

@"बशर"

1663935559293_1718763398.jpg
user-image
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
तन्हाई
logo.jpeg