Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
निर्मला - M.K. Mahto (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

निर्मला

  • 48
  • 1 Min Read

उन आँखों की काजल को मैं कैसे भूलूँ
उस रेशम-सी आँचल को मैं कैसे भूलूँ
जिन कदमों की आहट से फूल महक जाते थे
उन पैरों की पायल को मैं कैसे भूलूँ
उन आँखों की काजल को मैं कैसे भूलूँ।।।

images_1718670635.jpeg
user-image
चालाकचतुर बावलागेला आदमी
1663984935016_1738474951.jpg
वक़्त बुरा लगना अब शुरू हो गया
1663935559293_1741149820.jpg
मुझ से मुझ तक का फासला ना मुझसे तय हुआ
20220906_194217_1731986379.jpg
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg