Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
वालिद का अज़ीम साया नसीब होता - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

वालिद का अज़ीम साया नसीब होता

  • 53
  • 1 Min Read

ऐय काश उन की छत्रछाया से महरूम अगर मैं ना बदनसीब होता
मेरे बच्चों के बच्चों को भी मेरे वालिदका अज़ीम साया नसीब होता
© 'बशर' بشر.

InCollage_20230910_101125222_1718512558.jpg
user-image
चालाकचतुर बावलागेला आदमी
1663984935016_1738474951.jpg
वक़्त बुरा लगना अब शुरू हो गया
1663935559293_1741149820.jpg
मुझ से मुझ तक का फासला ना मुझसे तय हुआ
20220906_194217_1731986379.jpg
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg