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बूंद बनकर सागर में समा जाना - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

बूंद बनकर सागर में समा जाना

  • 56
  • 1 Min Read

फ़िज़ओं का चमनमें आना जाना
ढूंढना अजनबी का जैसे ठिकाना

घटा बनकर फ़लक पर छा जाना
बूंद बन कर सागर में समा जाना

© 'बशर' بشر.

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