Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
अब इन दिनों को क्योंकर गुजारें - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

अब इन दिनों को क्योंकर गुजारें

  • 58
  • 1 Min Read

जिन दिनों के लिए हम ने दिन गिन गिनकर गुजारे
समझ नहीं आता अब इन दिनों को क्योंकर गुजारें
@"बशर"

1663935559293_1717781430.jpg
user-image
तन्हा हैं 'बशर' हम अकेले
1663935559293_1726911932.jpg
ये ज़िन्दगी के रेले
1663935559293_1726912622.jpg
यादाश्त भी तो जाती नहीं हमारी
logo.jpeg
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg