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रूह फिर लौट आती है - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

रूह फिर लौट आती है

  • 70
  • 1 Min Read

नाउम्मीद तो हम भी नहीं हैं 'बशर' हबीब से बिछड़कर
सुना है के रूह फिर लौट आती है ज़िस्म से निकलकर
@"बशर"

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