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जिन्दा शख़्स को नहीं दफनाते - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

जिन्दा शख़्स को नहीं दफनाते

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  • 1 Min Read

येह ठीक है कि किसी भी जिन्दा शख़्स को नहीं दफनाते
मग़र भीतर से जो मर चुका उसका मातम क्यूँ नहीं मनाते
© 'बशर' بشر.

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