Or
Create Account l Forgot Password?
कवितानज़्म
दीवारो -दर सहन-दलहन उन गली-कूचों दश्तो - शजर उन रस्तों को भी ईद मुबारक तुम गुजरो जिस रहगुज़र © 'बशर' بشر.