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ज़हर पीना पड़ता है ग़म खाना पड़ता है - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

ज़हर पीना पड़ता है ग़म खाना पड़ता है

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  • 1 Min Read

अपना दिल दुखाकर भी रिश्तों को निभाना पड़ता है
घूंट ज़हर का पीना पड़ता है रंजो-ग़म खाना पड़ता है
© 'बशर' بشرؔ

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