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ख़ुश्बू भी हो तो बात बने - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

ख़ुश्बू भी हो तो बात बने

  • 40
  • 1 Min Read

इस शहर में घर है घर में मैं हूँ तुम भी हो तो बात बने
चमन में गुल हैं गुल में रंग है ख़ुश्बू भी हो तो बात बने
© 'बशर' بشرؔ

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तन्हा हैं 'बशर' हम अकेले
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यादाश्त भी तो जाती नहीं हमारी
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