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बिखरा दिया - Ratnesh Verma (Sahitya Arpan)

कविताअन्य

बिखरा दिया

  • 95
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कभी उलझा तो तेरी याद ने सुलझा दिया
मेरे हर ग़म को तूने पलकों पर सजा दिया
तेरे न होने पर भी तेरे होने का एहसास हैँ
कुछ इस तरह तूने मुझ पर बिखरा दिया

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