Or
Create Account l Forgot Password?
कवितानज़्म
कहां गया जानेवाला ये बता कर नहीं गया, वक़्त ए रुख़सत नजरें मिलाकर नहीं गया! रंगों के त्यौहार पर भी घरपर आकर "बशर", बिनरंगे ही चलागया रंग लगाकर नहीं गया! ©️ "बशर بشر" 🍁