Or
Create Account l Forgot Password?
कवितानज़्म
दिन उजले और काली रातें कहता है बशर अक़्सर किताबी बातें कहता है कर बसर उम्रे-तमाम विसाले-यार में इत्तेफ़ाक से हुई मुलाक़ातें कहता है © "बशर" بشر