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मौन - Dr Hoshiar Singh Yadav (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

मौन

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साहित्य अर्पण हिंदी साहित्यिक - अंतर्राष्ट्रीय मंच
#साप्ताहिक_लेखन
#विषय_मौन
4 फरवरी 2024
विषय-मौन
विधा-कविता
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मौन एक कला है, रहना सीखों आज,
ज्ञान मिले अथाह जन,भरा हुआ राज।
मौन तपस्या कहलाती,करते कई लोग,
कठिन साधना मानते, मिट जाएंगे रोग।।

मौन रख देवी देवता, पाया है वरदान,
मौन रहे संत सभी, पाते जग में शान।
मौन रहकर जन मिट जाता अभिमान,
सोच समझ ले पगले, रहो न अज्ञान।।

मौन साधन कर महात्मा,कहलाये बुद्ध,
मौन साधना की अशोक,छोड़कर युद्ध।
मौन तपस्या कर लो, होगा बुराई अंत,
मौन तपस्या करके बचे,कितने ही क्रुध।।

मौन साधना मानते, जीवन का स्वरूप,
मौनी बाबा कहलाये, कितने जगत भूप।
मौन तपस्या ज्ञान दे, यही खेल संसार,
ज्ञान विज्ञान बढ़े, जैसे मन खिले धूप।।
***
स्वरचित/मौलिक
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डा. होशियार सिंह यादव, कनीना,महेंद्रगढ़,हरियाणा

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