कविताअतुकांत कविताअन्य
प्रकृति का हर एक रंग,
पेड़ पौधों की मधुर ध्वनि संग।
वृक्षों के गले में बजती हैं बोली,
हरियाली से भरी हैं उनकी झोली।
पेड़ों के हरे पर्ण मन को भाते,
वन्यजीवन की अनेक सजीव बातें।
जीवन का संघर्ष वो सीखाते हैं,
जड़ों से उठकर ऊँचाई को पाते हैं।
पेड़ पौधों की महिमा अनन्य है,
उनका संबंध है पवित्र धरती से।
जल, पृथ्वी, हवा, और आकाश,
पेड़ पौधों की रचना अत्यंत उपयास।
संरक्षण करें नदियों की प्राचीन धारा,
पेड़ पौधों की रक्षा करें, बनें हम सहारा।
Please saved nature🙏🙏