Or
Create Account l Forgot Password?
कवितानज़्म
मत पूछ बशर किसे क्या क्यूं कैसे कब मिला, जिसको जो भी जब मिला उसी में वो घुलमिला! किसी को धर्म मिला किसी को मज़हब मिला, फिरकापरस्ती से जो बच निकला उसे रब मिला! ©️ "बशर"