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आवाज़ वही है - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

आवाज़ वही है

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  • 2 Min Read

सदा जो कल थी आज वही है,
लहज़ा वही है आवाज़ वही है!

लफ़्ज़ों में वज़न निदामें कशिश,
येह चिरपरिचित अंदाज वही है!

माना के पीरी की आहट हो गई,
अदा जो कल थी आज वही है!

अपनी बात को ज़ाहिर करने का
अंजाम सहीहोगा आगाज़ सही है!

©️ "बशर"

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