Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
अपना किसीको बनाने में - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

अपना किसीको बनाने में

  • 72
  • 2 Min Read

खुद को भी खो देना पड़ता है यहाँपे किसी को पाने में
बमुश्किल मिलता है किसीपे हक जताने का जमाने में

पल-भर 'बशर' लगता नहीं बेगाना किसीको बनाने में
उम्रे - तमाम गुज़र जाती है अपना किसी को बनाने में

© "बशर"

01_1711494152.jpg
user-image
चालाकचतुर बावलागेला आदमी
1663984935016_1738474951.jpg
वक़्त बुरा लगना अब शुरू हो गया
1663935559293_1741149820.jpg
मुझ से मुझ तक का फासला ना मुझसे तय हुआ
20220906_194217_1731986379.jpg
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg