कविताअतुकांत कविता
हिंदी दिवस प्रतियोगिता हेतु
विषय-अभिमान हिंदी है
विधा-मुक्त(कविता)
शीर्षक-अभिमान हिंदी है
हिंदी संस्कृति का सार है
हिंदी से हमारी पहचान है
मिश्री सी मधुर बोली है
हमारा अभिमान हिंदी है।
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संस्कृत की तनया सुघड़ है
हिंदी भारती की बिंदिया है
देशप्रेम की डोर हिंदी है
हमारा अभिमान हिंदी है।
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हिंदी में राष्ट्रगान हमारा है
हिंदी का हर वर्ण धवल है
हम हिंदी की संतान है
हमारा अभिमान हिंदी है।
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हिंदी कबीर की सुधारक नीति है
हिंदी सुरदास का वात्सल्य है
हिंदी में गोतम का ज्ञान है
हमारा अभिमान हिंदी है।
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तुलसी की अमृत वाणी है हिंदी
विवेकानंद का उपदेश है हिंदी
अटल -मोदी का भाषण है हिंदी
हमारा अभिमान है हिंदी।
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हिंदू-मुस्लिम -सिख -ईसाई
सब मिलकर रहते हैं भाई-भाई
आपस में हिंदी ने नाता जोड़ रखा
हमारा अभिमान है हिंदी।।
स्वरचित , मौलिक
सुमन राठौड़
झुंझुनूं (राजस्थान)