कविताअतुकांत कविता
साहित्य अर्पण
21 मार्च 2023
विषय-होली
विधा-कविता
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राधा के संग श्याम भी,
खेल रहे जमकर होली।
आपस में वो रंग डाले,
आती बड़ी जब टोली।
रंग पक्का था प्यार का,
बेशक शरीर लगे दो।
पूरे जगत में नाम बड़ा,
राधा-कृष्ण जन में वो।
नहीं कभी ,पीछे हटे,
सारा जगत है जानता,
अमिट प्यार राधा का,
हर जन यही है मानता।
रंगों के बड़े त्योहार पर,
सभी बांटे मिलके दर्द।
गर्मी आये या ये बसंत,
या चले जब हवा सर्द।
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स्वरचित/मौलिक
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डा. होशियार सिंह यादव
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