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कवितानज़्म
घरमें जिसके माँ है उससे बड़ी क़िस्मत नहीं माँ तो माँ है "बशर" माँ से बड़ी नेमत नहीं! माँ की सूरत में फ़रिश्ता उतारकर जमीन पर तौफ़ीक़ अता फरमाने से बड़ी रहमत नहीं! @"बशर"