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लहू पसीना बनकर रोमरोम से निकल आता है - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

लहू पसीना बनकर रोमरोम से निकल आता है

  • 21
  • 1 Min Read

रिज़्क़ हलाल की मशक़्क़त से अपनी इक किसान कमाता है
लहू बदनसे उसके पसीना बनकर रोमरोम से निकल आता है
© 'बशर' بشر.

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