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देश प्रेम की भाषा - Anju Kanwar (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

देश प्रेम की भाषा

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  • 3 Min Read

हिंदी पर जो बिंदी लगती
खूब भली भा जाती हो,
सरल,स्वभाव बनाकर तुम
भारतीयों के दिल हर लेती हो।।

राष्ट्र प्रेम की जननी भाषा
शब्दों की पक्तियों से
देश का प्रेम, दर्शाती है

अव्वल दर्जे पर शीर्ष टीका के
देश की संस्कृति, सभ्यता बनाती है
हर क्षेत्र में हिंदी भाषा को ही
जननी भाषा बनाना है।

पहचान को बढ़ाना है
ज्ञान से सफल बनाना है
हिंदी भाषा को अव्वल
देश की भाषा बनाना है।
राज्य भाषा से बढ़कर
हिंदी को देश की भाषाओं
में गिनती कराना है।

जानू ना मै कोई भाषा
नाम तुम्हारा आता है
देश प्रेम की भाषा बनाकर
तुमको अव्वल आना है।

अंजू कंवर

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