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कवितानज़्म
आज-कल एक ही सवाल है इंतखाब है के कोई बवाल है जनता बे-हाल थी बे-हाल है नेतासब हरहाल खुशहाल है होली नहीं है मग़र धमाल है सियासत येह बड़ी कमाल है © "बशर" بشر.