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कवितानज़्म
जिन्दगी की रहगुज़र को सफ़र कहते हैं राहे-सफ़र जो साथ हो हमसफ़र कहते हैं! सुकून से जिंदगी जहां बसर कर सकें हम उसे 'बशर' हम दुनियाजहाँ में घर कहते हैं! ©️ "बशर"