Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
जंगल जोगी का ठिकना है - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

जंगल जोगी का ठिकना है

  • 26
  • 1 Min Read

बस्ती - बस्ती दश्त ब दश्त फिरता दीवाना है
दिल की क्या बात करें चारों तरफ़ वीराना है

फ़ानी जिंदगानी में बशर खुदसे ही बेगाना है
दिनढला रात हुई जंगल जोगी का ठिकना है

© "बशर" بشر.

logo.jpeg
user-image
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
तन्हाई
logo.jpeg