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जंगल जोगी का ठिकना है - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

जंगल जोगी का ठिकना है

  • 31
  • 1 Min Read

बस्ती - बस्ती दश्त ब दश्त फिरता दीवाना है
दिल की क्या बात करें चारों तरफ़ वीराना है

फ़ानी जिंदगानी में बशर खुदसे ही बेगाना है
दिनढला रात हुई जंगल जोगी का ठिकना है

© "बशर" بشر.

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