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कवितानज़्म
मुंतज़िम - ओ -सरबराह से डर गया ज़मीर - ए -आवाम समझो मर गया थाम कर पतवार पानी में उतर गया उछलती लहरों को पार वो कर गया © "बशर" بشر.