Or
Create Account l Forgot Password?
कवितानज़्म
अता फरमा मौला सबको इतनीसी समझदारी कि समझ सकें सब अपनी-अपनी जवाबदारी ईमान ओ वफ़ादारी से लबरेज किरदार सबकी सब जन के सर चढ़ कर बोले इल्मे-ईमानदारी © 'बशर' بشر.