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हवा शीतल सर्द - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

हवा शीतल सर्द

  • 29
  • 1 Min Read

दश्त- ब- दश्त बह रही मंद मंद हवा शीतल सर्द
होले होले सबा पोंछ रही शजर के पत्तों की गर्द
© 'बशर' بشر.

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