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मुझको मिला वो सिला किसीके पास नहीं मिला - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

मुझको मिला वो सिला किसीके पास नहीं मिला

  • 87
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मुझमें जज़्ब मुझमें पिन्हाँ दर्द मिरे सिवा किसीके पास नहीं मिला,
इसका ईलाज इसकी दवा इसका शिफ़ा किसीके पास नहीं मिला!

मिलने को तो हर किसी के करम में मिला उसके करमों का सिला,
तुझको मिला जो मुझको मिला वो सिला किसीके पास नहीं मिला!

© 'बशर' بشر.

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